नई दिल्ली : नॉर्थईस्ट दिल्ली में मंगलवार को एक व्यस्त फ्लाईओवर पर अचानक गोलियां चलने लगीं। महज 10 मिनट के भीतर खून ही खून बिखरा पड़ा था। इस पूरे घटनाक्रम का अंत दो लोगों की हत्या के साथ हुआ। एक 44 वर्षीय व्यक्ति ने करीब 11.30 बजे पूरा हंगामा मचा दिया। अपने सिर पर पिस्तौल तानने से पहले उसने दो लोगों की जान ले ली। मरने वाले दो लोगों में एक दिल्ली पुलिस का एएसआई भी शामिल था। वहीं, इस घटना में एक ऑटोचालक ने भागकर अपनी जान बचाई। इस घटना को अंजाम देने वाले शख्स की पहचान मुकेश के रूप में हुई है।
बीच फ्लाईओवर पर बहस फिर दाग दी गोली
पुलिस का कहना है कि इस गोलीबारी के पीछे 5 लाख रुपये का बकाया कर्ज हो सकता है। घटना में जान गंवाने वाले पुलिसकर्मी, दिनेश शर्मा, दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच में एएसआई के रूप में काम करते थे। वहीं, इस मामले में आरोपी मुकेश एमसीडी में कॉन्ट्रैक्ट पर जॉब करता था। मुकेश पास की नंद नगरी झुग्गियों में रहता था। एएसआई दिनेश ने मुकेश से एक साल पहले उधार रकम ली थी। अब मुकेश एएसआई से राशि वापस करने के लिए कह रहा था। इसको लेकर अक्सर दोनों में बहस होती थी। पुलिस के मुताबिक, मुकेश ने संभवत: कर्ज चुकाने के बारे में चर्चा करने के लिए दिनेश को मंगलवार को मीत नगर फ्लाईओवर के पास मिलने के लिए बुलाया था। वह सुबह करीब 11.25 बजे पुलिसवाले की बाइक पर चढ़ गया। वे फ्लाईओवर के बीच में पहुंचे ही थे कि बहस छिड़ गई। मुकेश ने बाइक से उतरकर बंदूक निकाली और दिनेश को दो गोली मार दी। उनके सीने में चोट लगी थी। पुलिस सूत्रों ने कहा कि उन्हें संदेह है कि उसने पहले से हत्या की योजना बनाई थी। मुकेश ने हत्या में प्रयोग की गई 7.65 मिमी की देशी पिस्तौल, यूपी से खरीदी थी। जैसे ही पुलिसकर्मी सड़क
पर औंधे मुंह गिरा, एक गोली 30 वर्षीय राहगीर अमित कुमार को जा लगी। अमित बाइक टैक्सी चला रहा था। गोली राहगीर उनकी कमर में लगी। वह अपने स्कूटर से नियंत्रण खो बैठे और थोड़ी दूरी पर फ्लाईओवर पर गिर गया। फ्लाईओवर के अंत में, अमित के चारों ओर भीड़ जमा हो गई थी, जो सड़क पर बैठा दर्द से कराह रहा था। पीसीआर को सुबह 11.42 बजे एक कॉल मिली। एक टीम को घटनास्थल पर भेजा गया। यह दोनों लोगों को जीटीबी अस्पताल ले गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बाइक टैक्सी ड्राइवर सफदरजंग अस्पताल में आईसीयू में है। उसका इलाज चल रहा है।
ऑटो में भागने की कोशिश हुई नाकाम
वारदात को अंजाम देने के बाद अब मुकेश भागने का रास्ता तलाश रहा था। इस क्रम में उसने वहां से गुजर रहे एक ऑटोरिक्शा को रोका। उसने ड्राइवर पर पिस्तौल तान दी। उसने कथित तौर पर ड्राइवर महमूद पर गोली चलाई। इस बीच ड्राइवर ऑटो से कूद कर भागने में कामयाब रहा। जैसे ही ऑटो भीड़ में घुसा, मुकेश को एहसास हुआ कि उसका भागने का रास्ता बंद हो गया है। उसने पिस्तौल अपनी दाहिनी कनपटी पर लगाई और ट्रिगर दबा दिया। मुकेश का शरीर बैठी हुई मुद्रा में था। उसके सिर पर टोपी बरकरार थी। उसकी शर्ट खून से लथपथ थी। बंदूक ऑटो के फर्श पर पड़ी मिली। फ्लाईओवर के नीचे चार पहिया वाहनों के स्पेयर पार्ट्स की दुकान चलाने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि मैंने देखा कि आदमी ने ऑटो के अंदर अपने माथे पर गोली मार ली। बंदूक फर्श पर गिर गई और उसके आसपास भीड़ जमा हो गई। एक अन्य गवाह, श्याम, जो फ्लाईओवर के पास एक छोटी सी दुकान चलाता है, ने हंगामे और दहशत के बारे में बताया। उसने बताया कि अचानक, मैंने कई मोटरसाइकिलों और स्कूटरों को उल्टी दिशा में चलते हुए देखा, जो चिल्ला रहे थे कि फ्लाईओवर पर गोलीबारी हुई है।
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